बंदी सिंघों की रिहाई और अन्य मांगों को लेकर कौमी इन्साफ मोर्चे ने किया सख़्त रुख़
- By Kartika --
- Tuesday, 08 Aug, 2023
श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिब जत्थेदार जगतार सिंह हवारा ने लिखी चिठ्ठी
मोहाली/चंडीगढ़ : 8 अगस्त, 2023: (कार्तिका सिंह/अर्थ प्रकाश)::
सिख बंदियों की रिहाई और अन्य सम्बंधित मांगों को लेकर 7 जनवरी से लगातार चल रहे क़ौमी इंसाफ मोर्चा एक बार फिर से गंभीरता वाले मोड़ पर पहुँच चुका है। मोहाली के प्रेस क्लब में हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान मोर्चे के सीनियर लीडर मीडिया से तकरीबन डेढ़ घंटे तक सम्बोधित हुए। जत्थेदार जगतार सिंह हवारा जी के धर्म पिता बापू गुरचरण सिंह और दूसरे लीडरों ने मीडिया के सवालों बहुत ही सहजता से ज़वाब दिया।
15 अगस्त को चंडीगढ़ में काले और केसरी झंडों के साथ निकाला जाएगा रोष मार्च
कौमी इन्साफ मोर्चा और मोर्चे की लीडरशिप की तरफ़ से गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर, कोटकपूरा गोलीकांड में शामिल पुलिस और नेताओं को नामजद करने, धर्मग्रंथों का अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने, किसी भी धर्म और जेल में सजा काट चुके सिंहों की रिहाई को लेकर 7 जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर लगातार संघर्ष चल रहा है। इस मोर्चे में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी आते रहे, लेकिन इसके बावजूद भी मोर्चे की लीडरशिप अडोल रही। बारिश, तूफ़ान, गर्मी, सर्दी सब कुछ झेलते हुए भी, मोर्चे की संगत पूरे सिरड़ के साथ वहां डटी रही। हालांकि, प्रशासन सिख समुदाय की जायज मांगों को मानने के लिए कौमी इन्साफ मोर्चा से कोई संपर्क नहीं कर रहा है। अगर कोई बातचीत हुई तो मौके पर किए गए वादे से मुकरते रहे। लेकिन इन सभी चीज़ों के बावजूद वहां की संगत और लीडरशिप, गुरु ग्रन्थ साहिब की ओट के तले दिन-रात बाणी का जाप करने में जुटी रहती हैं। इन मुश्किल की घड़ियों में भी हर एक उम्र का इंसान हमेशा हिम्मत में नज़र आया।
इस संबंध में आज मोहाली प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बापू गुरचरण सिंह हवारा जी, एडवोकेट अमर सिंह चहल, संयोजक स. पॉल सिंह फ्रांस, फ्रंट के कानूनी सलाहकार दिलशेर सिंह, एडवोकेट गुरशरण सिंह धालीवाल ने कहा कि इस मौके पर कौमी इन्साफ मोर्चा पंजाब के लोगों, किसान संगठनों, समाज सेवी संगठनों और सिख संगठनों के साथ मिलकर चंडीगढ़ में काले और केसरी झंडों के साथ 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विरोध मार्च निकालने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विरोध मार्च में पंथक समर्थकों और न्यायप्रिय लोगों को बड़े पैमाने पर भाग लेना चाहिए ताकि पूरी दुनिया को 1947 से लेकर आज तक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सिख समुदाय के साथ की जा रही ज्यादतियों के बारे में पता चल सके। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के निकम्मे नेताओं की वजह से पंजाब को जो नुकसान हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने पिछले समय को याद करते हुए कहा कि आजादी के समय भारत का बंटवारा नहीं हुआ था बल्कि पंजाब का ही बंटवारा हुआ था। विभाजन के समय मरने वाले 10 लाख लोग केवल पंजाब के पंजाबी थे। जानमाल के नुकसान के अलावा पंजाबियों को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। जिस दौरान उन्हें अपनी बहुमूल्य जमीनें और कई ऐतिहासिक गुरु घर गंवाने पड़े। यह सब देखते हुए पंजाब की उजड़ी हुई पंथक शक्ति को कौमी इन्साफ मोर्चा के साथ एक मंच पर आकर 15 अगस्त को अपनी जायज मांगों के लिए एकत्रित होकर संघर्ष करना चाहिए ताकि केंद्र और पंजाब सरकार सिख समुदाय की जायज मांगों को पूरा करने के लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़े।
पंजाब वासियों और पंथक दर्दियों से क़ौमी इन्साफ मोर्चा के साथ खड़े होने की अपील
इस बीच, भाई जगतार सिंह हवारा ने कौम के नाम एक पत्र भेजकर देश को संदेश दिया है कि इस विरोध मार्च में पंजाब के सभी लोग, किसान नेता, पंथक संगठन, राजनीतिक दल, समाज सेवी संगठन, पंथ समर्थक, देश-विदेश के सभी वर्गों और सदस्यों को इसमें शामिल होना चाहिए। साथ ही संकट की इस घड़ी में कौमी इन्साफ मोर्चा को भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज पंजाब की सभी सरकारें विफल हो चुकी हैं और लोगों की एकता के बिना कोई भी युद्ध नहीं जीता जा सकता।
इस अवसर पर गुरजंट सिंह, देव सराभा, एडवोकेट यादविंदर सिंह, बलविंदर सिंह, गुरदीप सिंह बठिंडा, जसविंदर सिंह राजपुरा, रछपाल सिंह चंडीगढ़, बलकार सिंह भुल्लर, गुरनाम सिंह सिद्धू, नेता रेशम सिंह बडाली, रविंदर सिंह वाजिदपुर, बलजीत सिंह भाऊ शुरुआत। नेशनल जस्टिस फ्रंट से जुड़े।